![]() |
Freemasonry क्या है, Freemason कैसे बनते है |
freemason सोसाइटी codes और symbols से भरी हुई है. और इनका मतलब आम लोग अपने
हिसाब से निकाल लेते है. बाद मे यही अंदाजा लगाए हुए मतलब कहानियों का रूप ले लेते
है. इस टेक्नोलोजी भरी 21वी सदी मे भी इन सवालो की जवाब ढूंढ पाना नामुमकिन है. जब
तक की आप किसी freemason से ना बात कर रहे हो. इस आर्टिकल मे
हम सच के करीब पहुचने की कोशिश करेगे.
Freemasonry क्या है, What is freemasonry in Hindi.
Freemason शब्द सबसे पहले सामने आया. इस
संबंध मे कई अलग अलग कहानिया है. पश्चिमी फ़्रांस और दक्षिणी इंग्लैंड के एक मुलायम
पत्थर से आया है जिसे Freestone कहा जाता था. इस पत्थर पर
कारीगरी करने वाले लोग freestonemason कहलाए. यही शब्द आगे
चलकर freemason बन गया।
जब किसी नए व्यक्ति को भवन निर्माण काला सिखाई जाती थी उसकी
बहुत कड़ी शिक्षा होती तब जाकर वो एक Master Mason बनता
था. यह शिक्षा अलग अलग लैवल मे होती थी वही से Freemasonry मे
लैवल की शुरुवात हुई.
यह वो वक़्त था जब एक मैंसन दूसरे देश मे काम करने जाता था तो
वह अपने साथ अपने काम और काबिलियत का कोई प्रमाण साथ नही रख सकता था जिससे यह पता
चले के वह किस लेवेल का कारीगर है. इसके लिए मैंसनस ने हर लेवेल के मैंसन के लिए
गुप्त चिन्ह और सीक्रेट कोड़ बनाए ताकि वह दूसरे देश मे भी वह गुप्त कोड बता कर यह
प्रमाण दे सके की वह किस लेवेल का मैंसन है.
964 बीसी मे Solomon इज़राइल
का तीसरा राजा बना. सोलोमन को सुलेमान भी कहा जाता है. यहूदी धर्म के सबसे पवित्र
मंदिर का निर्माण सोलोमन ने करवाया इसलिए इसे टैम्पल ऑफ सोलोमन कहा जाता है. कहा
जाता है की इसके लिए सोलोमन ने 3000 किलो सोना और 300000 किलो चाँदी दी थी. इस
निर्माण मे हज़ारो लोगो ने काम किया था. इस निर्माण मे कई बहुत उच्च लेवेल के mason
भी लगे हुए थे. Mason के काम करने के तरीके के
अनुसार हर पत्थर को इसराइल के नीचे गुप्त सुरंगों मे बनाया जाता और निर्माण स्थल
पर लाकर लगा दिया जाता था.
एक दिन सोलोमन के मंदिर मे काम करने वाला एक freemason हीरामअभिफ़ अपना रोज़ का काम खत्म कर के जाने वाला था. तभी वह काम करने वाले कुछ दूसरे कारीगरों ने उसे पकड़ लिया और उससे freemasonary के गुप्त कोड पूछने लगे. पर हर freemason की तरह हीराम ने भी अभी अपने सीक्रेट ना बताने के कसम खाई थी. हीराम ने उन्हे कुछ भी बताने से मना कर दिया. इसकारण उनलोगों ने हीराम को मार दिया. और वही गाड़ दिया. बाद मे इस हत्या के बारे मे पता चलने पर हत्यारों को पकड़ लिया गया. और हीराम के शव को निकाल कर पूरे सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया. freemasonary की अपनी कसम की रक्षा अपनी जान देकर करने वाला हीरामभिफ फ्रीमैंसन मे अमर हो गया.
Freemason क्या करते है
क्या भारत मे Freemason है
फ्रीमैंसनरी भारत मे अंग्रेज़ो के साथ आई थी. फ्रीमैसन जहां मिलते है उस जगह को लॉज कहा जाता है. अंग्रेज़ राज मे
भारत की पहली फ्रीमैसन लॉज सन् 1730 मे कोलकाता के फोर्ट विलियम मे ईस्ट इंडिया
कंपनी ने बनाई थी इस लॉज का नंबर 72 था. आजाद भारत की पहली फ्रीमैसन लॉज की
स्थापना 24 नवम्बर 1961 को की गई थी. दिल्ली के जनपथ पर Grand Lodge ऑफ India स्थित है. भारतीय
फ्रीमसोन मे मोतीलाल नेहरू, स्वामी विवेकानन्द, जेआरडी टाटा, राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद, उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन, सी
राजगोपालाचारी, नवाब मंसूर अली ख़ान पटौदी, महाराजा जीवाजी राव सिंधिया, जैसे कई नाम शामिल है.
Freemason कैसे बनते है. How to become a freemason
फ्रीमैसन की सच्चाई से परे काल्पनिक और मनघडन्त कहानिया
सुनकर लोगों के मन मे कई बार फ्रीमैसन बनने का विचार आता है. लोगों को लगता है
जैसे फ्रीमैसन बनना कोई सुपर पावर हासिल करने जैसा है. और कोई लोग इस का फ़ायदा
उठाते है और लोगों को फ्रीमैसन बनाने के नाम पर उनसे पैसे लेते है. पर जरा सोचिए
अगर फ्रीमैसन इतने बड़े है तो उन्हे आपके पैसे की जरूरत क्यू होगी. इसलिए कभी भी
अगर कोई आपसे फ्रीमैसन बनाने के लिए पैसे मांगता है तो सावधान रहिए वो आपको झूठ
बोल रहा है. फ़्रीमेसोन बनने के लिए आपको बालिग होना जरूरी है, फ्रीमैसन बनने के लिए कम से कम दो फ्रीमैसन आपको जानने चाहिए. इसके साथ
ही सबसे महत्वपूर्ण सवाल आपसे किया जाएगा की “ आप फ्रीमैसन क्यों बनना चाहते है “
इसका जवाब सही होने के बाद ही यह तय किया जाएगा के आप फ़्रीमेसोन बनने योग्य है या
नही.