दोस्तों इस लेख मे हम बताने वाले है कि अंक ज्योतिष क्या
है. What is Numerology in Hindi?अंक ज्योतिष और उसके रहस्यों को. अंक ज्योतिष बहुत ही प्रसिद्ध
ज्योतिष शास्त्र है. पर बहुत ही कम लोग अंग ज्योतिष के बारे मे जानते है. क्या आप Numerology
के बारे मे जानना चाहते है.
बहुत
से लोग इस पर विश्वास नही करते परंतु यह देखा गया है कि जो घटना आज घटित हुई है वैसी
ही घटना पहले भी घटित हुई है. लोग इसे केवल संयोग मान लेते है. परंतु यह
समय चक्र पर आधारित होता है. जिसमे कि अंको का बहुत बड़ा योगदान होता है.
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अंक ज्योतिष क्या है |
अंक ज्योतिष क्या है ( What is Numerology in Hindi)
संसार मे हम जो अलग अलग चीजें देखते है,
उनके बहुत सारे रूप है. जैसे अलग अलग रंगो को मिलने से नया बन जाता है. और ऐसे ही
रंगो को मिलाते जाने से हजारों लाखों रंग बन जाते है. लेकिन इन सब का मूल वही सात
रंग है जो हमे इंद्रधनुष मे दिखाई देते है. इन सभी सात रंगो का भी मूल रंग सफ़ेद है
किसका कोई रंग नही है वह प्रकाश है. यह प्रकाश सूर्य की किरण से आता है जिसके पानी को पार करने पार सात रंग नज़र आते है और बिना पानी किरण बिना रंग की
अद्रश्य बनी रहती है.
इसी तरह संसार की सभी
वस्तुएं पाँच मूल तत्वों से बनी है भूमि, पानी, आग, हवा, और आकाश. कहा भी जाता है “भू जल अग्नि गगन समीरा, पाँच तत्व से बना शरीरा” . हर वस्तु मे इनका अनुपात
बादल जाता है. ये पाँच तत्व भी आकाश से पैदा हुए है आकाश से वायु, वायु से अग्नि, अग्नि से जल, जल से प्रथ्वी.
आकाश का गुण शब्द है, इसलिए कहा जाता है की सभी
तत्वों का मूल गुण शब्द है. और इसी कारण शब्द को “ब्रह्म” यानि ईश्वर कहा गया है. हर
शब्द का गुण और प्रभाव अलग अलग होता है, शब्द को अंक मे बादल कर उसकी माप की जा सकती है. कोई
शब्द 7000 बार बोलने पार पूर्ण होता है तो कोई शब्द 17000 बार बोलने पर. संख्या और
शब्दो के इस सम्बंध को हमारे ऋषि मुनि जानते थे सभी मंत्रो के जाप की संख्या अलग अलग तय की गई
थी जैसे सूर्य के मंत्र का जाप 7000, बुध का 9000, मंगल का 10000, चंद्रमा का 11000, ब्र्हस्पति का 19000, शुक्र का 16000, शनि का राहू का 18000 और केतू का 17000. इसी तरह
किसी देवता के मंत्र मे 22 अक्षर होते है किसी के मंत्र मे 36 अक्षर. शब्द और संख्या का हमेशा से
वैज्ञानिक सम्बंध रहा है. शून्य 0 को निर्विकार ब्रह्म माना गया है वही एक 1 को
पूर्ण ब्रह्म माना गया है.
इस दुनिया मे इंसान के नाम को
विशेष महत्व दिया जाता है. महान राजाओ के
विशेष नाम तय किए जाते थे और उनके वंश मे उन्ही नामो को बार बार नए राजाओ को दिया
जाता था जैसे जार्ज विलियम प्रथम, जार्ज विलियम द्वितीय, भारत मे भी यह परंपरा रही है. भारत मे नाम के पहले
अक्षर को राशि व नक्षत्र के आधार पार रखने की परंपरा भी है. सन्यास लेते समय भी
नाम बदलने की परंपरा है ताकि ग्रहस्थ जीवन की सभी और नाम से जुड़ी सभी चीजें वही
छूट जाए.
नाम से Numerology देखते
हुए यह प्रश्न आता है की यदि किसी का नाम राशि नक्षत्र के आधार पार ना रखा गया हो
या किसी के एक से अधिक नाम हो तो कौनसे नाम से प्रश्नफल देखे. इस सम्बंध मे कहा
गया है “जन्म न ज्ञायते येषामं तेषामं नाम्न्नो गवेष्यते” जिसकी राशि ना मालूम हो
उसके प्रचलित नाम से राशि विचार करना चाहिए.
मूल अंक बनाने की विधि क्या है?
जन्म की तारीख़ अगर 1 से 9 की बीच है तो जो जन्म की
तारीख़ है वही मूल अंक कहलाता है. अगर जन्म की तारीख़ 10 से 31 के बीच हो तो दोनों अंको
को जोड़ने पर जो अंक आएगा वही मूल अंक होगा जैसे : जन्म तिथि 16 हो तो 1+6=7 यहा 7 मूल अंक होगा. यदि अंको को जोड़ने
पर फल 2 अंको की संख्या आए तो फिर से उस संख्या को जोड़ देगे जिससे मूल अंक प्रपट हो
जाएगा. जैसे जन्म तिथि 29 हो तो 2+9=11, प्राप्त संख्या को फिर से जोड़ेगे 1+1=2
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जन्म अंक से स्वभाव कैसे पता लगाए?
अंक 1 : जिसका मूल अंक 1 होता है वह व्यक्ति क्रियात्मक, अपनी विचार-धारा मे स्थिर और
निश्चित स्वभाव का होता है. ऐसा व्यक्ति अनुशासन प्रिय होता है. यह अपना व्यवसाय करते
है या जिस व्यवसाय मे होते है वह उचे पद पर होते है. 1 अंक वाले लोगो के लिए रविवार
और सोमवार शुभ होता है. गहरा या हल्का भूरा , पीला और सुनहरी रंग इनके लिए शुभ होता है.
अंक 2 : इसका स्वामी चंद्रमा है. ये व्यक्ति कल्पनाशक्ति वाले, कला प्रेमी होते है. शरीर सामान्य
लेकिन दिमाग बहुत तेज होता है. एक काम को शुरू करने के बाद उसमे प्रवर्तन करते रहते
है, आधे मे कोई
नई योजना बना लेते है. जिस काम को शुरू करते है उसे पूरा करने मे मन नही लगाते यही
बात इनकी सफलता मे बाधा बनती है. आत्मविश्वास की कमी होती है, थोड़ी सी बात पर उदासीन हो जाते
है, अगर यह भावनाओ
पर नियंत्रण कर ले तो निश्चित ही सफल हो सकते है. इनके लिए सफ़ेद, हरा, अंगूरी रंग शुभ होता है.
अंक 3 : इस अंक का स्वामी ब्रहस्पति है. ऐसे लोग शासन की इच्छा
रखने वाले, महत्वाकांक्षी, सख्त अनुशासन का पालन करने वाले होते है. ये जिस विभाग के अध्यक्ष
होगे वह पूरा नियंत्रण और सख्त अनुशासन रखते है. इसी सख्ती के कारण इनके शत्रु बहुत
होते है. चमकीला गुलाबी और हल्का जामुनी रंग इनके लिए शुभ होता है.
अंक 4 : इस अंक का स्वामी हर्षल नाम का गृह है. ऐसे लोग औरों
से संघर्ष के लिए जाने जाते है. लोगों की राय या विचारों के विप्ररित अंक 4 वालों के
विचार होते है जिनको यह व्यक्त करने से पीछे नही हटते इस कारण इनके शत्रु बहुत होते
है. यह धन जोड़ने पर ध्यान नही देते इनके लिए रविवार, सोमवार, शनिवार शुभ होता है. इनके लिए नीला और खाकी भूरा रंग
शुभ होता है.
अंक 5 : इस अंक का स्वामी बुध है. बुध गृह का असर व्यापार मे
विशेष रूप से होता है. ऐसे लोग व्यापार, सट्टा या जल्दी लाभ देने वाले व्यापार करते है. इन मे
फुर्ती बहुत होते है, इस कारण यह जल्दबाज़ होते है. अंक 5 वाले लोग अधिक समय तक किसी बात
की चिंता या शोक नही करते, और फिर से अपने काम मे लग जाते है. बुधवार, ब्रहस्पतिवार तथा शुक्रवार इनके
लिए शुभ होते है. हल्का खाकी, सफ़ेद, चमकीला रंग इनके लिए शुभ होता है.
अंक 6 : इस अंक का स्वामी शुक्र है. इस जन्मांक वाले लोग बहुत
लोकप्रिय होते है. ये मिलनसार और आकर्षक होते है. इसलिए बहुत लोग इनसे प्रेम करते है.
इन्हे सुंदरता बहुत प्रिय होती है सुंदर लोग, सुंदर वस्त्र, सुंदर चित्र, आदि विशेष रूप से प्रिय होते
है. ये स्वभाव से हठी होते है, अपनी बात पर अंत तक अड़े रहते है. ये प्रतियोगिता पसंद नही करते, और इनमे ईर्ष्या भी होती है.
इनके लिए मंगलवार, ब्रहस्पतिवार, शुक्रवार शुभ होते है. आसमानी, गहरा नीला रंग शुभ होता है.
अंक 7 : इस अंक का स्वामी वरुण ग्रह है. ये लोग सदा परिवर्तन
को पसंद करते है. यात्रा करने नए स्थान देखना इन्हे पसंद होता है. कल्पना शक्ति विशेष
होती है साथ ही भावुक भी बहुत होते है. दूसरों के मन की बात समझने की विशेष प्रतिभा
होती है. वरुण गृह का संबंध जल से है इस कारण जल से जुड़े व्यवसाय मे विशेष सफल होते
है. रविवार, सोमवार शुभ होता है. इनके लिए हरा हल्का पीला, और सफ़ेद रंग शुभ होते है.
अंक 8 : इस अंक का स्वामी शनि है. ये लोग असामान्य कार्य करते
है. लोगों के प्रति इनमे सहानुभूति नही होती. इनके मन मे उदासी, और अकेलापन रहता है. इन्हे झूठा
प्रेम दिखने की आदत नही होती, इसलिए इन लोगों को कठोर समझा जाता है. ये लोग उच्चमहत्वकांक्षी होते
है. इन्हे सिर्फ अपना लक्ष्य दिखता है उसके लिए किसी की शत्रुता की परवाह नही करते.
इनके लिए शनिवार, रविवार, और सोमवार शुभ होते है.
अंक 9 : इस अंक का स्वामी मंगल है. ऐसे लोग साहसी होते है. कठिनाइयों से संघर्ष कर के सफल होते है. स्वभाव से उग्र और जल्दबाज़ होते है. जीवन मे बहुत सारे शत्रु होते है. फ़ौज पुलिस मे विशेष सफल होते है. इच्छा शक्ति प्रबल होती है. प्रेम मे सब कुछ लूटा देते है. मंगलवार, ब्रहस्पतिवार, शुक्रवार शुभ है. इनके लिए गुलाबी और लाल रंग शुभ है.
इस लेख मे हमने जाना अंक ज्योतिष क्या है. What is Numerology in Hindi. साथ ही जाना अंक ज्योतिष और उसके
रहस्यों को. अगर आपका कोई सवाल है तो कृप्य हुमे कमेंट मे लिखे. आपको हमारा यह लेख
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