दक्षिण अफ्रीका इस समय भीषण हिंसा और अराजकता का सामना कर रहा है. आखिर डरबन मे हिंसा क्यों हुई. why Durban is Burning? भारतीय लोगों के प्रति डरबन मे हिंसा क्यों हो रही है. भारत सरकार दक्षिण अफ़्रीका मे बसे भारतीय लोगों के लिए क्या कर रही है. आपदा मे सुरक्षित रहने के लिए क्या करे? इन सभी सवालो के जवाब इस आर्टिकल मे हम देगे.
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डरबन मे हिंसा क्यों हुई |
(Why Durban is Burning in Hindi)
इस
वक़्त दक्षिण अफ्रीका हिंसा की आग मे झुलस रहा है. हर तरफ तबाही का मंज़र है. छोटी
से छोटी दुकान से लेकर बड़ी बड़ी फ़ेक्टरी तक को दंगाइयों ने लूट कर आग के हवाले
कर दिया है. ये तबाही कितनी बड़ी है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है की राष्ट्रपति
सिरिल रामाफोसा ने इसे 90 के दशक के बाद अब तक की सबसे बड़ी हिंसा कहा है.
79 वर्ष के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को कई बार
कोर्ट की नाफरमानी करने और अपने शासन के दौरान हुए घोटालो के आरोप मे गिरफ्तार कर
लिया गया. कोर्ट सुनवाई के दौरान जनता
बाहर प्रदर्शन कर रही थी. पर जैसे ही राष्ट्रपति जैकब जुमा को सजा सुनाई गई. यह
प्रदर्शन उग्र हो गया. तोड़ फोड़ की जाने लगी. पर इस प्रदर्शन और तोड़ फोड़ मे अपराधी
शामिल हो गए और दुकानों को लूटा जाने लगा, धीरे धीरे ये
लुटपाट ऐसी बढ़ी के बड़े बड़े मॉल और फ़ेक्टरीयों तक को इस भीड़ ने नही बकशा. दक्षिण
अफ़्रीका मे फ़ैली इस हिंसा के सबसे ज़्यादा शिकार क्वाज़ुलुनताल व गौतेंग के इलाक़े है. इस हिंसा
माय अब तक 72 लोग मर चुके है. पुलिस ने हिंसा फैलाने के अपराध मे 1234 लोगो को
गिरफ़्तार किया है इनमे 12 लोगो की पहचान दंगा फैलाने वालों के रूप मे की गई है. हिंसा
को देखते हुए आर्मी को तैनात कर दिया गया है.
बड़े
शहरों से शुरू हुई यह हिंसा छोटे शहरों तक फैल चुकी है, सभी मुख्य राजमार्ग जाम है. खाने पीने के समान की लूटपाट की जा रही है, इस को देखते हुए प्रशासन ने चेतावनी दी है की अगर ऐसे ही ये लूट जारी रही
तो जल्द ही भोजन पानी जैसे मूल आवश्यकता की चीजों की कमी हो जाएगी.
दक्षिण अफ़्रीका मे फ़ैली हिंसा को देखते हुए वर्तमान
जूलु राजा मिसुजुलू ने जनता से हिंसा को रोकने के अपील की है. दुखी होते हुए
उन्होने कहा की मैने कभी सोचा नही था की मे अपने ही लोगो को देश जलाते हुए देखुगा.
उन्होने लोगों से कहा है की अगर जल्दी ही शांति नही हुई तो खाने के समान की कमी हो
जाएगी. लोगो तक भोजन भी नही पहुचाया जा पा रहा क्योकि माल के गोदामों और समान ले
जाने वाले वाहनों को जलाया जा रहा है. साथ ही उन्होने जुलु लोगो से भारतीय और एशियाई
लोगों के प्रति हिंसा को रोके.
भारतीय लोगों के प्रति डरबन मे हिंसा क्यों हो रही है.
इस वक़्त भारतीय समुदाय डरबन मे सबसे ज्यादा हिंसा और
लूटपाट का शिकार हो रहा है. राष्ट्रपति जैकब जुमा की गिरफ़्तारी के बाद उनके समर्थन
मे शुरू हुई ये हिंसा नस्लीय हिंसा मे परिवर्तित हो गई है. ऐसा लग रहा है यह कोई
पहले से तय की गई हिंसा हो. अगर इस भीड़ का मकसद राष्ट्रपति जुमा की रिहाई होती तो भीड़
उन्हे जेल से आजाद करवा सकती थी, पर इस प्रदर्शन पर अपराधियों ने
कब्ज़ा कर लिया जिनका मक़सद सिर्फ लूटपाट करना था, जैसे जैसे
हिंसा बढ़ी जिसको जहा मौका मिला वही लूटपाट शुरू हो गई, और
इसने विकराल रूप ले लिया. लोग हिंसा मे यह भूल गए की जो वो कर रहे है वो उनकी अर्थव्यवस्था
को खत्म कर देगा. जिन दुकानों फ़ेक्टरीयों को ये लोग लूट रहे है, वही ये काम करते है. चोरी का समान कितने दिन चल जाएगा. ये वो उधयोग थे जो
उनका घर चलाते थे उनके परिवार को पाल रहे थे. लोगों ने बैंक,
रेडियो स्टेशन यहा तक की हॉस्पिटल और ब्लड बैंक को भी नही छोड़ा वह का समान भी उठा
ले गए. अब तक लगभग 45000 उधयोग नष्ट हो गए है. वही लगभग 12 बिल्यन रैन की संपति का
नुकसान हुआ है.
आपदा मे सुरक्षित रहने के लिए क्या करे.
(What to do to stay safe in disaster in Hindi)
1. भोजन पानी को पर्याप्त मात्र मे स्टोर कर ले क्योकि स्थिति को समान्य होने मे कुछ दिन से लेकर कुछ हफ़्तों का समय भी लग सकता है।
2. जरूरी दवाइयों के साथ एक मेडिकल किट भी साथ रखे
3. अपने मोबाइल फोन बैटरी पुरी तरह से चार्ज रखे और चार्जर साथ रखे।
4. जरूरी कागजातों को वॉटर प्रूफ पैकिंग मे सुरक्षित रखे।
5. आग बुझाने के यंत्र तैयार रखे।
6. अपनी कार और वाहनों को पेट्रोल से फुल रखे.
7. घर के सभी लोगों मे काम विभाजित कार दे
8. कुछ कपड़ों के साथ एक छोटा बैग हमेशा तैयार रखे.