दुनिया का सबसे अमीर इंसान कौन था?
दुनिया मे दौलतमंद तो
कई हुए। पर क्या आप जानते है दुनिया का सबसे अमीर इंसान कौन था। "मनसा मूसा"
धरती का अब तक का सबसे अमीर इंसान। मनसा मूसा के बारे मे कहा जाता है के उसके पास इतनी
दौलत थी जिसका आज अंदाज़ा लगाना भी किसी के बस की बात नही।
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दुनिया का सबसे अमीर इंसान - मनसा मूसा |
माली साम्राज्य
मूसा का जन्म अफ्रीका
के माली साम्राज्य में हुआ था। माली मुगलों के राज्य से दुगना बड़ा था। माली साम्राज्य
अफ्रीका मे सन् 1240 से 1645 तक रहा। माली साम्राज्य
की स्थापना Sundiata Keita ने सन 1230 मे की थी। उसका कार्यकाल सन 1230 से 1255 तक रहा। माली की राजधानी नियानी थी। माली राज्य मे Songhani, Ghana,
Walata, Tedmekka शामिल थे, ये राज्य अटलांटिक महासागर तक
फैला था। Timbuktu नगर इसका प्रमुख व्यापार केन्द्र था। Timbuktu नाइजर नदी के किनारे बसा हुआ होने के कारण जल मार्ग
और थल मार्ग दोनो से जुड़ा हुआ था। माली नमक, तांबा और सोने का निर्यात करता था।
अरबी व्यापारियों के
माली मे आने जाने से माली मे इस्लाम का आगमन हुआ। धीरे धीरे माली के राजाओं ने इस्लाम
को स्वीकार कर लिया और मुस्लिम हो गए। माली के राजाओं के मुस्लिम होने के बाद इस्लाम
धीरे धीरे पुरे पश्चिमी और उत्तरी अफ्रीका मे फैला। इस्लाम के अनुयायी होने के बाद
वो मक्का मदीना की धार्मिक यात्रा भी करने लगे।
मनसा मूसा का जीवन परिचय
Sundiata keita के बाद अबू बकर द्वितीय राजा बना। उसके मन मे हमेशा से ये जानने की इच्छा थी के
विशाल अटालंटिक महासागर के पार क्या है। इसी बात को जानने के लिए उसने इतिहास की सबसे
बड़ी समुद्री यात्रा शुरू की। उसकी इस यात्रा मे 2000 जहाज़ शामिल थे। पर वो जहाज़ फिर कभी नही देखे गए,
ना ही उनमें से कोई वापस लौटा।
अबू बकर के जाने बाद मनसा मूसा सन 1312 में माली का राजा बना उसका ये राज्य सन 1337 तक रहा। मनसा शब्द अफ्रीकी राजा
को दी जाने वाली उपाधी है और मूसा उसका नाम था। इसलिए आगे चलकर वो मनसा मूसा कहलाया।
मूसा की सेना मे 1,00,000 सिपाही और 10,000 घोड़े थे। अपने सेनापति सारन
मैंडियन की मदद से उसने उस वक्त का सबसे बड़ा राज्य खड़ा किया। उस समय आकर में मंगोल
साम्राज्य के बाद माली दुनिया मे दूसरे नंबर पर था।
मूसा ने पश्चिम मे जांबिया
और सेनेगल पर अधिकार कर लिया। उत्तर मे बढ़ते हुए सहारा मे फैले कई कबीलों को अपने
अधीन कर दिया। माली की सीमा पूर्व मे नाइजर नदी और गाओ तक फैल गई थी। इसके साथ ही दक्षिण
में ब्यूर पर भी अपना अधिकार कर लिया, इस क्षेत्र मे सोने की खाने थी, यही वो सोना था जिसने मूसा को धरती का सबसे अमीर इंसान
बना दिया । ये माली के किसी भी राजा का अब तक का सबसे बड़ा राज्य था।
मूसा ने अपने राज्य को
कई छोटे छोटे इलाकों मे बाट दिया और वहा अपने गवर्नर तैनात कर दिए, ये सभी गवर्नर मूसा के नियन्त्रण
में रहते थे। राज्य मे इस प्रकार गवर्नर तैनात करने से मूसा के लिए वहा फैले छोटे छोटे
कबीलों को नियंत्रित करना और उनके विद्रोह को दबाना मूसा के लिए आसान हो गया था।
मनसा मूसा की मक्का मदीना यात्रा
साल 1324 मे मूसा मक्का मदीना की यात्रा
पर निकल गया।
इस यात्रा ने मूसा को
पूरी दुनिया मे प्रसिद्ध कर दिया और इतिहास मे उसे अमीर लोगों की पंक्ति में पहला स्थान
हासिल हुआ। उसने दुनिया को बता दिया के दुनिया का सबसे अमीर इंसान कौन हैं।
मनसा मूसा घोड़े पर सवार
होकर चल रहा था, उसके चारो तरफ 500 नौकर चल रहे थे। मक्का मदीना की इस यात्रा मे मूसा के साथ 60000 कर्मचारी, 12000 गुलाम चल रहे थे। सभी ने पर्शियन
सिल्क के कपड़े पहने थे जिनपर सोने की कारीगरी की गई थी। सेकड़ों घुड़सवार लाल सिल्क
पर सोने की कारीगरी से बने झंडे लेकर चल रहे थे। इस काफ़िले में सोने से लदे 100 ऊट भी थे, जिनमें से हर एक पर 135
किलो सोना लदा हुआ था। सेकड़ों
उटों पर खाने का समान लदा था, हज़ारो की संख्या मे भेड़ बकरिया भी साथ थी। ये काफ़िला कई किलोमीटर लंबा था।
मनसा मूसा काहिरा मे
मनसा मूसा मक्का मदीना
जाते हुए मिस्र की राजधानी काहिरा से होकर गुजरा। उस वक़्त मिस्र मे अल-मालिक अल-नासिर का शासन था।
मनसा मूसा का काफ़िला काहिरा मे 3 महीने तक रुका। मूसा ने सुल्तान अल-मालिक अल-नासिर से एक औपचारिक
मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात मे मूसा ने सुल्तान को 50000 सोने की अशर्फीया भेट की थी। जब
तक मूसा काहिरा मे रहा वह सुल्तान के महल मे शाही मेहमान बनकर रहा ।
काहिरा मे रुकने के दौरान मूसा के लोगो ने काहिरा मे इतना सोना खर्च किया के काहिरा
मे सोने की कीमत 30% तक गिर गई थी। हालत यहा तक बन गए के काहिरा मे महंगाई आसमान छूने
लगी। काहिरा की अर्थव्यवस्था खराब हो गई। मूसा के काहिरा आने के 12 साल बाद इतिहासकर
अल-उमरी ने काहिरा गया था। अल-उमरी ने लिखा है काहिरा की जनसंख्या लगभग 10लाख थी। मूसा
को काहिरा से गुज़रे कई साल हो गए लेकिन अब भी यहा के लोग मूसा के धन वैभव का गुणगान
करते है। मूसा और उसके लोगो ने काहिरा मे जो सोने की बारिश की थी, उससे यहा
सोने की कीमतों मे भरी गिरावट आ गई, 12 वर्ष गुजरने के बाद भी
सोने की कीमत सुधर नही पाई है।
मनसा मूसा की मक्का मदीना यात्रा का प्रभाव
मनसा मूसा मक्का मदीना से वापसी मे अपने साथ कई मुस्लिम धर्म गुरूओ और शिल्पकारों
को साथ लेकर आया था। जिन्होने अफ्रीका मे मुस्लिम
धर्म का प्रचार प्रसार किया। अपनी यात्रा से आने के बाद मूसा ने माली के शहरों मे कई
मस्जिदों का निर्माण करवाया जिन मे गाओ, टिंबक्टू, सांकोरे प्रमुख थे । उसके राज्य के सांकोरे शहर मे उसने एक बहुत प्रसिद्ध
मस्जिद का निर्माण करवाया। इस मस्जिद के निर्माण मे पहली बार अफ्रीका मे आग से पकी
हुई ईटों का इस्तेमाल किया गया था। इससे पहले तक अफ्रीका मे कच्ची मिट्टी ओर लकड़ी का
इस्तेमाल किया जाता था। सांकोरे मे उसने सांकोरे विश्वविध्यालय की स्थापना की। मनसा
मूसा ने टिंबक्टू नाम का शहर बसाया जहा उसने निर्मांकला विशेषज्ञ अल-तुएद्जिन द्वारा
प्रसिद्ध जिंगेरेबर मस्जिद का निर्माण करवाया। इसके बदले मे अल-तुएद्जिन को 200 किलो
सोना, नाइज़र नदी के किनारे बहुत सी जमीन और कई गुलाम दिये गए।
मूसा से पहले भी अफ्रीका से कई लोग और कई राजाओ ने मक्का मदीना की धार्मिक यात्रा
की। लेकिन मनसा मूसा की इस यात्रा ने अफ्रीका और अरब को जोड़ दिया था। मूसा ने मक्का
और मदीना मे कई घर ख़रीद लिए थे ताकि उसे बाद इन शहरो मे आने वाले अफ्रीकी यात्रियो
को इन घरो मे ठहरने की सुविधा मिल सके। माली और मनसा मूसा पूरे अफ्रीका और अरब मे प्रसिद्ध
हो गए थे। मूसा की अपार धन संपदा के चर्चे यूरोप तक भी पहुच गए थे। वो भी मूसा के इस
ख़ज़ाने को पाने को बैचन हो रहे थे। मूसा की इस यात्रा के बाद पहली बार स्पेन ने अफ्रीका
का नक्शा बनाया, ताकि दुनिया अफ्रीका को जान सके। इसी नक्शे के आधार पर बाद मे
यूरोप के कई लोगो ने सोने के शहर टिंबक्टू की ओर यात्रा की।
मनसा मूसा की म्रत्यु और माली साम्राज्य का अंत
मूसा के मक्का मदीना की यात्रा के दौरान उसके बेटे मनसा मगन प्रथम ने राज्य को
संभाला। मनसा मूसा की म्रत्यु के बाद उसके छोटे भाई मनसा सुलेमान ने धोखे से मूसा के
बेटे मगन को गद्दी से उतार दिया और खुद राजा बन गया। सुलेमान ने पुर्तगालियों के लिए
अफ्रीका के दरवाजे खोल दिये और उनके साथ व्यापार शुरू कर दिया। सुलेमान के बाद माली
कई राज्यो मे बट गया जिन मे आपस मे युद्ध होने
लगे थे। सोंगई राज्य के राजा सुन्नी अली ने माली के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लीया था।
15वी शताब्दी आते आते माली साम्राज्य का अंत हो गया।