दोस्तो आज हम बात करने वाले है coding के बारे मे. वर्तमान युग computer का युग है. ऐसे मे अगर आप एक computer user है, तो आपके लिए यह जान लेना बहुत आवश्यक हो जाता है की Coding क्या है? Coding कैसे सीखे? इस आर्टिकल मे हमने बहुत ही सरल और आसान भाषा मे coding से संबन्धित जानकारी उपलब्ध कारवाई है. Coding से जुड़ी समस्त जानकारी प्राप्त करने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े और यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आए तो अपने सोश्ल मीडिया अकाउंट पर भी पोस्ट करे. तो चलिये बिना किसी देरी के शुरू करते है.
Coding क्या है, Coding कैसे सीखे
Coding क्या है? Coding कैसे सीखे?
हमारे द्वारा दिये गए
निर्देशों को समझने के लिए computer को एक भाषा की जरूरत होती है. Coding
कम्प्युटर की एक भाषा है जिसके द्वारा हम कम्प्युटर को निर्देश देते है, की उसे करना क्या है.
इन्ही निर्देशों के द्वारा computer के software हमारी बात को समझते है और उसके अनुसार कार्य करते है. ये
भी कहा जा सकता है के कोडिंग ही कम्प्युटर को चलती है. coding को programing भी
कहते है. इसलिए coding लिखने वालों को coder
या programmer भी
कहा जाता है. Coding के द्वारा ही software, operating system, और mobile application बनाई जाती है.
Coding कैसे काम करती है?
Computer सिर्फ ऑन ऑफ की भाषा समझता है, और इसके लिए computer मे ट्रंजिस्टर
का उपयोग किया जाता है. ऑन (Yes) और ऑफ (No) को कम्प्युटर की भाषा मे 0 और 1 कहा जाता है. ऑन (Yes) के
लिए 1 और ऑफ (No) के लिए 0 का उपयोग किया जाता है. इस 0 और 1 की भाषा को binary भाषा
कहा जाता है. computer मे चलने वाला हर program
इनहि binary code की
एक क्रम बद्ध श्रंखला है. कई codes को मिलाकार एक प्रोग्राम बनता है.
इसे ऐसे समझते है की
इंसान मशीन की भाषा (binary) नही समझता और मशीन इंसान की भाषा नही समझती. दोनों को एक
दूसरे की बात समझने के लिए एक translator चाहिए. यही code
काम आता है. code एक
भाषा है जिसे इंसान लिख सकता है साथ ही कम्प्युटर उसे binary मे समझ
सकता है.
Coding और Programing
मे क्या फर्क है?
अगर आम भाषा मे देखा जाए
तो coding और programing मे कोई फर्क नही है. code
एक इंसानी भाषा मे लिखा संदेश
होता है जिसे computer binary मे ट्रांस्लेट कर के समझता है. वही program कई codes को
कर्म बद्ध तरीके से मिला कर बनाया गया एक आदेश है जिसे computer को
करने को कहा जाता है.
Coding किस उम्र मे सीख सकते है.
Coding सीखने की कोई निश्चित आयु नही होती है. coding कोई
भी और कभी भी सीख सकता है. यह निर्भर करता है, सीखने वाले की रुचि पर. ये बिलकुल एक नई भाषा सीखने जैसा
है. जैसे नई भाषा सीखने के लिए आपको समय देना पड़ता है और सीखने मे कितना समय लगेगा
ये आपकी लगन पर निर्भर करता है, वैसा ही कोडिंग मे भी है.
बच्चों को Coding क्यो सीखनी चाहिए.
पहले जहा Coding को
एक शौक़ माना जाता था, वही आज के समय मे Coding
एक रोज़गार का साधन बनकर उभर रहा
है. Coding से टेक्नॉलॉजी को समझने मे मदद मिलती है. इसके द्वारा software या program मे आ
रही किसी भी समस्या को हल करने और उसे बेहतर बनाने मे सहायता मिलती है. व्यक्तिगत
रूप से या कार्य क्षेत्र मे coding के जानकार को टेकनियल समस्याओ के लिए किसी प्रॉफेश्नल या
आईटी कर्मचारी की मदद की जरूरत नही पड़ती है. जैसे जैसे टेक्नॉलॉजी आगे बढ़ रही है coding और programing कर्मचारियों
की मांग भी बाजार मे बढ़ रही है. रोजगार के नए नए अवसर पैदा हो रहे है.
Coding कैसे सीखे.
1. HTML
HTML को
कोडिंग सीखने का पहला कदम माना जाता है. हर Coding
के छात्र को HTML पेज
बनाना आना चाहिए. HTML के द्वारा ही इंटरनेट की भाषा मे अपनी बात को दुनिया के एक
कोनसे से दूसरे कोने मे बेहतर रूप से पहुचाया जाता है. HTML मे
जो डॉकयुमेंट लिखा जाता है वो ब्लॉक के रूप मे होता है, जिसे एलीमेंट कहा जाता
है. हर एलीमेंट मे सब-एलीमेंट होते है.
2. CSS- Cascading Style Sheet
Cascading Style Sheet का मुख्य रूप से उपयोग वेब ब्राउज़र पेज को बनाने मे किया
जाता है. इसमे सभी प्रकार के कलर, फोंट्स, बैक्ग्राउण्ड, लिंक, एनिमेशन सभी होते है.
3. JavaScript
Javascript मे
कई code को मिलकर स्क्रिप्ट के रूप मे उपयोग किया जाता है. यह भी
कहा जा सकता है की HTML और CSS को मिलकर Javascript का निर्माण होता है साथ ही इसमे अन्य कई होते है जैसे की Payment Gatway, पासवर्ड आदि.